નંદોત્સવ

નંદોત્સવ ગોકુલ, પુષ્ટિમાર્ગ નંદ મહોત્સવ શ્રીનાથજી દર્શન,  નંદ ઉત્સવ પુષ્ટિમાર્ગ કીર્તન, નાથદ્વારા સેવા ક્રમ,પલના કે પદ, વ્રજ મહિમા , ક્રુષ્ણ જન્મોત્સવ.

તિથી  : શ્રાવણ વદ નૌમ

” नंद घेर आनंद भयो..  जय कन्हैया लाल की

हाथी दीने, घोड़ा दीने और दीनी पालकी ll”

नंदोत्सव - नंद महोत्सव,नंद घर आनंद भयो

કાલ રાત્રે, કંસના કારાગારમાં પ્રભુનો જન્મ થયો. પછી, વસુદેવજી પ્રભુને યશોદાજીની પાસે પધરાવ્યા. આજ સવારે, ગોકુલમાં સમાચાર ફેલાયો. પછી, નંદરાઇજી આસપાસના ગામના વાસીઓને આમંત્રિત કરે છે.

વ્રજના વાસીઓ ને આનંદની લહર મહેસૂસ થાય છે. પ્રભુના આગમનથી પ્રકૃતિમાં અલગ છટા આવે છે. પ્રકૃતિના રંગો જીવંત થાય છે, અને પશુઓ અને પક્ષીઓ આનંદિત થાય છે. મીઠી, મધુર પવન ઉલ્લાસમાં નાચે છે. બધા વ્રજવાસી માં હર્ષોલ્લાસ  છવાઈ જાય છે.

બધા લોકો અત્યંત ઉત્સાહ, આનંદ- પ્રમોદ ની સાથે , ક્રુષ્ણ જન્મોત્સવ – નંદ મહોત્સવ ઉજવે છે. નંદરાઈજી પ્રભુ ને પાલને જુલાવે છે. રમાડે છે. બધા વ્રજવાસી પ્રભુ ના દર્શન માટે આતુર થયા છે.  પ્રભુ એ બધાના મન મોહવાનું આરંભ કરી દીધું છે. ભવ્ય જોશ ની સાથે પ્રભુ નો ગોકુલ માં જન્મોત્સવ ઉજવાય છે. જેને નંદ મહોત્સવ કહેવામાં આવે છે.

શ્રીનાથજી દર્શન – નંદોત્સવ  

नंदोत्सव - नंद महोत्सव,नंद घर आनंद भयो श्रीनाथजी दर्शन

कल रात्री को संध्या आरती पश्चात प्रभु शयन भोग आरोग कर जागरण मे बिराजे | 11:45  बजे तक जागरण के दर्शन होते है | फिर नाथद्वारा मे भीतर मे प्रभु का जन्म होता है | नाथद्वारा मे जन्म के दर्शन नहीं होते है |

कुछ स्थानों मे प्रणालिका अनुसार जन्म के दर्शन होते है | संखनाद, जालर, घंटा की ध्वनि मे प्रभु का जन्म होता है | नाथद्वारा मे श्रीजी के सन्मुख बिराजित श्री बालकृष्णजी के पंचामृत स्नान होते है | तद पश्चात प्रभु को महाभोग धरे जाते है |

फिर आज के दिन

वस्त्र,आभरण,चौखटा,पिछवाई,सब साज,वेणु वेत्र आदी सब कल के ही रहे।आरसी चार झाड़ की।

प्रातः 5 :30 महाभोग सराय के।झरीजी,माला बदले,चोक माड़ के ठाकुरजी श्री नवनीत प्रियाजी कूं सोना के पलना में पधारे।आरती होवे,तिलकायत यशोदाजी,नंदबाबा,कु पधरावे,छट्टी की पूजा होवे फिर ग्वाल गोपी को पधरावे।फिर मनिकोठा,डोल तिबारी,रतन चोक में नन्द उत्सव होवे।दूध दही को छिड़काव होवे।बिड़ी अरोगे।आरती न्योछावर,राई लोन होवे।नन्द राय जी बैठक में पधारे।

भोग में केसरी पेठा,मीठी सेव,पाँच भात आदी सामग्री अरोगे।

मणिकोठा – ऐ री ऐ आज नन्दराय, सब ग्वाल नाचे, महा मंगल महराने, उच्छव हो बड़ कीजे 

डोल तिबारी – आपून मंगल, मंगल गाओ माई, जायो हो सुत, चिरजियो हो लाल

रतन चौक – नन्द के दधि, मेरे गोपाल, आज कुलाहल, ग्वाल देत है हेरी, गोकुल में बाजत

नन्दमहोत्सव पीछे – नैन भर देखो, आज नन्दजू के द्वारे, पालना के ८ पद

नंदोत्सव के दर्शन 11 बजे के आसपास होते है | फिर श्री नवनीत प्रियाजी अपने घर पधराके मंगल भोग आरोगाया जाता है | 12:15 बजे मंगला के दर्शन होते है | मंगला और शृंगार के दर्शन साथ मे होते है | टेरा लेकर मालाजी धराई जाती है | फिर राजभोग के दर्शन 2:15 बजे खुलते है | बाकी का क्रम नित्य अनुसार होता है |

Seva kram  courtesy: Shrinathji Temple Nathdwara Management | Shrinathji Nitya Darshan Facebook page

નંદ મહોત્સવ ના પદ – પાલના કીર્તન નીચે દર્શાવેલ ઈ-બૂક માં પ્રાપ્ય છે.

Badhai – Palna k Pad kirtan

આ ઈ-બૂક પધ્ય સાહિત્ય માં પણ ઉપલબ્ધ છે.

कीर्तन – (राग : सारंग)

हेरि है आज नंदराय के आनंद भयो l
नाचत गोपी करत कुलाहल मंगल चार ठयो ll 1 ll
राती पीरी चोली पहेरे नौतन झुमक सारी l
चोवा चंदन अंग लगावे सेंदुर मांग संवारी ll 2 ll
माखन दूध दह्यो भरिभाजन सकल ग्वाल ले आये l
बाजत बेनु पखावज महुवरि गावति गीत सुहाये ll 3 ll
हरद दूब अक्षत दधि कुंकुम आँगन बाढ़ी कीच l
हसत परस्पर प्रेम मुदित मन लाग लाग भुज बीच ll 4 ll
चहुँ वेद ध्वनि करत महामुनि पंचशब्द ढ़म ढ़ोल l
‘परमानंद’ बढ्यो गोकुलमे आनंद हृदय कलोल ll 5 ll

कीर्तन – (राग : सारंग)

आज महा मंगल मेहराने l
पंच शब्द ध्वनि भीर बधाई घर घर बैरख बाने ll 1 ll
ग्वाल भरे कांवरि गोरस की वधु सिंगारत वाने l
गोपी ग्वाल परस्पर छिरकत दधि के माट ढुराने ll 2 ll
नाम करन जब कियो गर्गमुनि नंद देत बहु दाने l
पावन जश गावति ‘कटहरिया’ जाही परमेश्वर माने ll 3 ll