राधाष्टमी
राधाष्टमी पुष्टिमार्ग श्रीनाथजी दर्शन नाथद्वारा, राधा अष्टमी के पद, राधा रानी जन्म उत्सव बधाई कीर्तन, राधाष्टमी व्रत कथा, श्रीनाथजी सेवा क्रम |
तिथि : भाद्रपद शुक्लपक्ष अष्टमी
हमारे प्रभु श्री कृष्ण की स्वामीनिजी श्री राधारानी के प्राकट्य उत्सव की खूब खूब मंगल बधाई |
राधारानीजी भी प्रभु के भाति अजन्मा है |
श्री राधारानी के प्रकट्य के समय अलौकिल बालिका के दर्शन करने हेतु नारद मुनि, गर्गाचार्यजी, शांडिल्य मुनि आदि पधारे थे |
श्री राधारानी प्रभु की अलौकिल आनंदमयी शक्ति का प्राकट्य है | श्री राधारानी ने प्रभु के साथ समग्र व्रज कमल मे दान लीला, मानलीला, चीरहरण लीला, रास लीला, जैसी कई अनेकों लीलाए की है | एक निश्चल निस्वार्थ अलौकिक प्रेम का जीवंत उदाहरण स्थापित किया है |
आज का उत्सव भी जन्माष्टमी की भाति ही महत्व पूर्ण एवं उसी आनंद, अत्यंत हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है |
श्रीनवनागरी प्यारी तू वृंदावनकी रानी
श्रीनाथजी दर्शन – राधाष्टमी
श्री राधाजी की बधाई एवं बाललीला, ढाढ़ीलीला के पद आप नीचे दी गई ई-बुक मे से प्राप्त कर शकते है |
यह बुक पध्य साहित्य शेकशन मे भी उपलब्ध है |