Loading...

चैत्र शुक्लपक्ष 1

Loading Events

सन् 2025 – 2082 संवत्सरोत्सवः | नववर्ष आरंभ

सभी द्वार में डेली मंढे बंदरवाल बंधे। थाली की आरती। जमना जल की झरीजी भरावे।गेंद चौगान,दिवाला सोना के।अभ्यंग ।भाँतवार बंटा चढ़े। पण्ड्याजी टीपना बांचे।राजभोग में गुलाब की दोहरा मंडली आवे।आज से जरी के वस्त्र नहीं आवे।मंगला में आज से उपरना धरावे।राजभोग में छः बीड़ा की सिकोरी आवे।

वस्त्र:-खुले बन्ध, कूल्हे लाल छापा के,सुनहरी किनारी के।सुथन पीले छापा की।ठाड़े वस्त्र मेघ स्याम दरियाई के।पिछवाई लाल छापा की हरे हाशिया की।

आभरण:-सब उत्सव के।हीरा की प्रधानता।बनमाला को श्रृंगार।
श्रीकर्ण में हीरा के कुंडल
कली, कस्तूरी आदी सब धरावे।कूल्हे पे टिका,त्रवल दोहरा।श्रीमस्तक पे पाँच मोर चन्द्रिका को जोड़।चोटीजी हीरा की।वेणु वेत्र तीनो हीरा के।पट उत्सव को,गोटी सोना की ।आरसी राजभोग में सोना के डाँड़ी की,श्रृंगार में चार झाड़ की।
Source : Nathdwara Management

Share with the other Beloved Vaishnavs...!

Go to Top