गिरिराज की तलेटी

हैं सर्वमोक्षदायक गिरिराज की तलहटी,
है सर्वमोक्षदायक गिरिराज की तलहटी,
करे वास मोर बंदर गिरिराज की तलहटी,
शोभा अनुभ राजे दुखद्वह देख भाजे,
वल्लभ प्रभु बिराजे गिरिराज की तलहटी,
ये साधु और सन्यासी, गिरिराज के है वासी,
भक्तों की है ये काशी गिरिराज के है वासी,
मन काहे दुख पावे गिरिराज क्यों न आवे
वैकुंठ तक ले जावे गिरिराज की तलहटी,
गिरिराजदास पावे, संकट कबहु न आवे ,
है पाप मोचनिय गिरिराज की तलहटी,
यहाँ काम कोटी लाजे, सुंदर स्वरूप राजे,
जोड़ी जुगल बिरजे, गिरिराज की तलहटी,
इन्द्र ने कोप किनों, गिरिवर उठाय लीनो,
अभिमन दूर कीनौ, गिरिराज की तलहटी,
यमलार्जुन तारे, गज ग्राह ते उबारे,
भवते यही उगारे गिरिराज की तलहटी,
कर दूर बंद गज के संकट हरे ये सबके,
क्यो ना राधा – कृष्ण रटत्ते गिरिराज की तलहटी,
है सर्वंमोक्षदायक….